धनपति वर्मा बोले: रत्नाकर से ऋषि बने वाल्मीकि तपस्या ने बदल दी तकदीर
संवाददाता सबलू खा पीलीभीत
पीलीभीत/आजाद एक्सप्रेस (संवाददाता सबलू खा) समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर मंगलवार को नकटादाना स्थित के.जी.एन-2 कॉलोनी में लोकसभा चुनाव कार्यालय पर महर्षि वाल्मीकि जयंती बड़े हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाई गई। कार्यक्रम में पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने महर्षि वाल्मीकि जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि जी केवल एक कवि नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति के पथप्रदर्शक थे जिन्होंने यह दिखाया कि जीवन का परिवर्तन तपस्या और भक्ति से संभव है। वे ज्ञान त्याग और सृजन के प्रतीक हैं। सपा जिला महासचिव नफीस अहमद अंसारी ने कहा महर्षि वाल्मीकि जी ने यह साबित किया कि इंसान चाहे कितना भी पतित क्यों न हो अपने कर्म और साधना से महान बन सकता है। उन्होंने तपस्या और प्रकृति के प्रति प्रेम के जरिए मानवता का संदेश दिया। सपा जिला उपाध्यक्ष नरेंद्र मिश्रा कट्टर ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि संस्कृत काव्य के जनक हैं जिन्होंने शोक से श्लोक का जन्म कराया और पहली बार रामायण जैसा अमर महाकाव्य रचा। उनके आश्रम में मां सीता ने लव-कुश को जन्म दिया जो आगे चलकर रामायण के गायक बने।विधानसभा बरखेड़ा अध्यक्ष धनपति वर्मा एडवोकेट ने कहा रत्नाकर से वाल्मीकि बनने की यात्रा हमें यह सिखाती है कि जब इंसान भीतर से जागता है तो समाज को दिशा देता है। तपस्या के दौरान उनके शरीर पर चींटियों ने बांबी बना ली तभी से वे वाल्मीकि कहलाए। उन्होंने भक्ति और आत्मज्ञान से जीवन की पराकाष्ठा को छुआ। कार्यक्रम का संचालन 127 सदर विधानसभा अध्यक्ष इम्तियाज अल्वी ने किया। इस मौके पर मखदूम खान बालकराम सागर काशीराम सरोज अकबर अहमद अंसारी संजय सिंह यादव ज्योति प्रकाश शुक्ला मो. तुफैल अहमद, अमित पाठक ओमप्रकाश यादव एडवोकेट आदर्श पांडे एडवोकेट सहित बड़ी संख्या में सपा पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।