आज पैग़म्बरे इस्लाम की यौमे विलादत पर निकलेगा परंपरागत जुलूस-ए-मोहम्मदी

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आज पैग़म्बरे इस्लाम की यौमे विलादत पर निकलेगा परंपरागत जुलूस-ए-मोहम्मदी

अंजुमन अरबाब-ए-सलासिल करेगी देखरेख, अमन-ओ-तालीम का दिया जाएगा पैग़ाम

संवाददाता सबलू खा

पीलीभीत
पूरनपुर। पैग़म्बरे इस्लाम की यौमे विलादत के मुबारक मौके पर आज 5 सितंबर को परंपरागत जुलूस-ए-मोहम्मदी पूरे अकीदत और एहतराम के साथ निकाला जाएगा। यह जुलूस हर साल की तरह अंजुमन अरबाब-ए-सलासिल की देखरेख में आयोजित होगा। इंतजामिया कमेटी ने एलान किया है कि जुलूस में शरीक होने वाले पाक-साफ होकर शामिल हों, दरूद शरीफ और नातें पढ़ते हुए सरकार-ए-मदीना की मोहब्बत का इज़हार करें। कमेटी ने यह भी हिदायत दी है कि तेज आवाज वाले डीजे से परहेज़ किया जाए और जुलूस पूरी तरह अमन-ओ-सुकून के माहौल में निकले। आज सुबह नमाज-ए-फज्र के बाद मदरसा अरबिया कादरिया में परचमकुशाई होगी। सलाम के बाद जुलूस रेलवे क्रॉसिंग से रवाना होगा और शेरपुर रोड, खजुरिया रोड, स्टेशन रोड होते हुए ब्लॉक रोड स्थित साबरी अहाता पर पहुंचकर समाप्त होगा। लियाकत हुसैन उर्फ भूरे भाई ने तमाम मोमिनों से अपील की कि वे जुलूस में शरीक होकर पैग़म्बर-ए-इस्लाम से मोहब्बत का सुबूत दें। वहीं पैग़ाम-ए-अमन काउंसिल के सदर तौफीक अहमद क़ादरी ने कहा कि यौमे विलादत का असल पैग़ाम अमन और इंसानियत की भलाई है। उन्होंने लोगों से नशा-शराब और पुड़िया जैसी बुराइयों से तौबा करने की अपील की। क़ादरी ने यह भी कहा कि हर मोमिन अपने बच्चों की तालीम पर खास ध्यान दे। तालीम ही वह रौशनी है जो समाज को तरक्की की राह दिखाती है। जुलूस के दौरान जगह-जगह सबील और लंगर का भी इंतज़ाम किया गया है ताकि शरीक होने वाले लोग मोहब्बत और इंसानियत का पैग़ाम दुनिया तक पहुंचा सकें।

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