संवाददाता रुसान अहमद
पीलीभीत। तराई का इलाका इन दिनों किसानों के लिए दोहरी मुसीबत बना हुआ है। जहां लगातार हो रही बारिश ने खेतों को तालाब में बदल दिया है, वहीं जंगल से निकलकर आए हाथियों का झुंड किसानों की मेहनत पर कहर बरपा रहा है।
पूरनपुर तहसील के सुल्तानपुर गाँव सहित थाना सेहरामऊ क्षेत्र के सुल्तानपुर और जगदीशपुर गोटियां के आसपास बीती रात हाथियों ने धान की तैयार फसल रौंद डाली। सुबह खेतों पर पहुँचे किसानों ने जब बर्बाद हुई हरी-भरी बालियाँ देखीं तो वे स्तब्ध रह गए। ग्रामीणों ने बताया कि हाथी शारदा नदी पार कर टाइगर रिजर्व से गाँव में पहुँचे और कई खेतों को नुकसान पहुँचा दिया। ग्रामीणों का कहना है कि यह समस्या नई नहीं है। पिछले दो वर्षों से लगातार हाथियों का आतंक बना हुआ है और हर साल धान व गन्ने की फसल को भारी नुकसान पहुँचता है। इस बार लगातार बरसात से परेशानी और बढ़ गई है। सोमवार की रात खेतों की रखवाली कर रहे किसानों ने हाथियों को देखा और शोर मचाकर भगाने की कोशिश की, लेकिन तब तक काफी नुकसान हो चुका था। किसानों का कहना है कि वे अब रोज़ रातभर खेतों पर पहरा देने को मजबूर हैं। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि वन विभाग और प्रशासन ने हाथियों को रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए, तो आने वाले दिनों में हालात काबू से बाहर हो सकते हैं। उनका दर्द साफ है, खेती ही सहारा है, और वही हर साल हाथियों के पैरों तले कुचली जा रही है।