उलेमा ने कहा– “इस्लाम तलवार से नहीं, मोहब्बत से फैला… हमें नबी के किरदार को अपनाना होगा”
संवाददाता सबलू खा
पूरनपुर। पैग़म्बरे इस्लाम की यौमे विलादत के मौके पर शनिवार को नगर पूरनपुर में जुलूस-ए-मोहम्मदी बड़ी शानो-शौकत और अकीदत के साथ निकाला गया। जुलूस अंजुमन अरबाउस सलासिल की जानिब से मदरसा अरबिया कादरिया से परचमकुशाई के बाद शुरू हुआ। इसमें दर्जनों इस्लामी ग्रुप्स शामिल हुए और नगर की गलियों में “सरकार की आमद मरहबा” के नारों से माहौल गूंज उठा।
इस्लामी भेष-भूषा में नौजवान बच्चे व युवक जुलूस में आगे-आगे चल रहे थे, जबकि इश्क-ए-हुसैन ग्रुप के मेंबर घोड़ों पर सवार होकर शरीकत कर रहे थे। इस्लामी झांकी से सजी ट्रॉलियों पर उलेमा-ए-इकराम तकरीर करते हुए लोगों को नबी-ए-पाक के जीवन से सीख लेने का संदेश दे रहे थे।
मौलाना आमिर रज़ा खान, मौलाना फ़ज़ले अहमद नूरी और मुफ्ती नाज़िम मिशवाही ने अपने बयान में कहा कि इस्लाम मोहब्बत, आज़ीज़ी और इंसानियत से फैला है, तलवार से नहीं। पैग़म्बर-ए-इस्लाम की ईमानदारी और रहमत देखकर लोग खुद-ब-खुद इस्लाम से जुड़ते गए। उन्होंने कहा कि आज हम मुसलमान तो हैं, मगर हमारा किरदार प्यारे नबी के किरदार से मेल नहीं खाता। हमें नबी-ए-करीम के जीवन को समझकर उस पर अमल करना होगा। जुलूस में इश्क-ए-मुस्तफ़ा ग्रुप, आला हज़रत ग्रुप, ख्वाजा के दीवाने ग्रुप, ताजुश्रय ग्रुप, साबरी ग्रुप समेत दर्जनों ग्रुप्स शरीक हुए। जुलूस-ए-मोहम्मदी में तौफीक अहमद क़ादरी, सभासद नादिर रज़ा बरकाती, हाजी लाडले, आरती महेंद्र, राजकुमार राजू, मुन्ने मियां अनजाना, खालिद रज़ा बरकाती, सभासद शराफ़त हुसैन समेत सैकड़ों लोग शामिल रहे। स्टेशन रोड पर तौफीक अहमद क़ादरी की ओर से एक कैंप भी लगाया गया, जहां विभिन्न ग्रुप्स का स्वागत और सम्मान किया गया। पूरे नगर में जुलूस-ए-मोहम्मदी के दौरान अकीदत, भाईचारे और मोहब्बत का जज़्बा साफ झलकता नजर आया।