पूरनपुर तहसील में गूंजे नारे, पूर्व में किसान यूनियन भी कर चुकी है धरना
पीलीभीत
पूरनपुर तहसील में अफसरों की कार्यशैली को लेकर एक बार फिर नाराजगी खुलकर सामने आई। प्रगतिशील अधिवक्ता एसोसिएशन के नेतृत्व में वकीलों ने बैठक करने के बाद तहसील परिसर में पहुंचकर अफसरों के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान माहौल गहमागहमी से भर गया। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संजय सक्सेना की अध्यक्षता में मीटिंग हॉल में हुई बैठक में तहसीलदार और एसडीएम न्यायालय से जुड़ी फाइलों की सुनवाई में लगातार हो रही लापरवाही पर तीखे सवाल उठाए गए। उपाध्यक्ष संजय पांडेय ने कहा कि वादकारी जनता न्याय की उम्मीद लेकर तहसील पहुंचती है, लेकिन अफसरों की ढिलाई से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी विरोध को दर्ज कराने अधिवक्ता तहसील में इकठ्ठा हुए। अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही सुधार नहीं हुआ तो सोमवार को जिलाधिकारी से औपचारिक शिकायत की जाएगी और उसके बाद मंगलवार को नई रणनीति बनाकर आंदोलन को और तेज किया जाएगा। गुस्साए वकीलों का कहना था कि "न्याय के मंदिर में अगर देरी और ढिलाई होगी तो जनता का भरोसा टूटेगा, और इस चुप्पी को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गौरतलब है कि तहसीलदार की कार्यशैली को लेकर इससे पहले भी असंतोष जताया जा चुका है। भारतीय किसान यूनियन (भानु) तहसील परिसर में धरना-प्रदर्शन कर चुकी है और उसने भी तहसीलदार पर गंभीर सवाल खड़े किए थे। अधिवक्ताओं और किसानों दोनों का मानना है कि तहसील प्रशासन की कार्यप्रणाली आम जनता के हित में नहीं है। सवाल यह भी उठ रहा है कि जब बार-बार आवाजें उठती हैं तो आखिर सुधार क्यों नहीं होता? इस मौके पर अध्यक्ष संजय सक्सेना, महामंत्री सुशील कुमार, उपाध्यक्ष संजय पांडेय, असद खान, डीपी यादव, मुकेश श्रीवास्तव, उमाशंकर और यूनुस खान सहित तमाम अधिवक्ता मौजूद रहे।