जुलूस-ए-मोहम्मदी शांति और भाईचारे का बने पैगाम, हाफिज नूर अहमद अजहरी

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जुलूस-ए-मोहम्मदी शांति और भाईचारे का बने पैगाम, हाफिज नूर अहमद अजहरी

मुख्यमंत्री से शराब और नशे पर रोक लगाने की मांग

संवाददाता सबलू खा

पीलीभीत। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया (उत्तर प्रदेश) के प्रदेश अध्यक्ष हाफिज नूर अहमद अज़हरी ने कहा कि “जुलूस-ए-मोहम्मदी का असल मकसद शांति, प्रेम और इंसानियत का संदेश देना है।” उन्होंने तमाम संगठनों और जुलूस में शामिल होने वालों से अपील की कि 12 रबीउल अव्वल पर निकलने वाले जुलूस में डीजे और शोर-शराबे से परहेज़ किया जाए। अज़हरी ने कहा कि जुलूस में अनुशासन और मर्यादा का पूरा ध्यान रखा जाए, हुड़दंग और मोटरसाइकिलों पर करतब न किए जाएं, पान-गुटखा या कोई भी अनुचित चीज़ इस्तेमाल न हो और एम्बुलेंस व ज़रूरतमंदों को रास्ता देने में पहल की जाए। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि केवल धार्मिक नारे लगाए जाएं, किसी को भड़काने या उकसाने वाली बात न की जाए तथा पुलिस-प्रशासन और स्वयंसेवकों से पूरा तालमेल बनाए रखा जाए। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह दिन हमारे जीवन का सबसे बड़ा दिन है, क्योंकि यही वह तारीख है जब पैगंबर-ए-इस्लाम हज़रत मोहम्मद का जन्म हुआ था। यह ऐतिहासिक अवसर हमें यह सिखाता है कि हम उनके जीवन से प्रेरणा लेकर पूरी दुनिया में शांति और प्रेम का संदेश पहुँचाएँ। इसी मौके पर उन्होंने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक लिखित अपील भेजी है। अपील में 5 सितम्बर 2025 को पूरे प्रदेश में शराब और नशे पर अस्थायी रोक लगाने की मांग की गई है, ताकि ईद-मिलादुन्नबी के जुलूस और कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण और गरिमा के साथ सम्पन्न हो सके।

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