ग्राम पंचायत नांद में सचिव पर गिरी गाज, प्रधान पर चुप्पी क्यों?

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स्ट्रीट लाइट घोटाले में सचिव रोहित कुमार निलंबित, ग्रामीण बोले, एकतरफा कार्रवाई से नहीं मिलेगा न्याय



पीलीभीत/  बिलसंडा क्षेत्र की ग्राम पंचायत नांद में एलईडी स्ट्रीट लाइट लगाने के नाम पर हुए गड़बड़झाले ने पंचायत विभाग की पोल खोल दी है। आरोपों की पुष्टि होने पर पंचायत सचिव रोहित कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। एडीओ (पंचायत) अमरिया को पूरे मामले की जांच सौंपी गई है। रोहित कुमार पर आरोप है कि उसने नियमों को ताक पर रखकर लाखों रुपए का भुगतान कर दिया। न तो तकनीकी जांच कराई गई और न ही खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती गई। ग्रामीणों का कहना है कि सचिव ने ग्राम निधि का खुला दुरुपयोग किया और सरकारी योजनाओं को धता बता दिया। लेकिन ग्रामीणों के गुस्से की सबसे बड़ी वजह यह है कि मामले में ग्राम प्रधान हरिओम का नाम भी सामने आया, फिर भी अब तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। गांव वालों का सवाल है कि जब भुगतान पर प्रधान की सहमति और मुहर जरूरी होती है, तो फिर सचिव अकेला कैसे दोषी हो सकता है? लोगों का कहना है कि एकतरफा कार्रवाई से सरकार की मंशा पर भी सवाल खड़े होते हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से साफ कहा है कि सिर्फ सचिव को बलि का बकरा बनाने से भ्रष्टाचार पर रोक नहीं लगेगी। असली जिम्मेदार चाहे सचिव हो या प्रधान दोनों पर समान रूप से कठोर कदम उठाए जाने चाहिए।
अब देखना होगा कि जांच अधिकारी इस मामले में प्रधान की भूमिका को कितनी गंभीरता से परखते हैं और क्या सरकार वास्तव में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है या फिर रसूखदारों को बचाने का खेल ही चलता रहेगा।

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