पीलीभीत। माधोटांडा क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और अवैध अस्पतालों की मनमानी ने हालात ऐसे बना दिए हैं कि अब अस्पताल इलाज के नाम पर मौत बांट रहे हैं। बीते दिनों एक महिला की मौत के मामले में विभाग ने दिखावे का नोटिस तो जारी किया, लेकिन उसके बाद पूरा मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
सूत्रों का दावा है कि मृतका के परिजनों और डॉक्टर के बीच किसी गुप्त डील की खिचड़ी पक रही है, वहीं अफसरान भी पूरे मामले पर चुप्पी साधे बैठे हैं। आलम यह है कि ग्रामीणों के बीच अब चर्चा तेज हो गई है कि क्या मौत का यह खेल यूं ही चलता रहेगा?
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पहला मामला नहीं है। कुछ ही दिन पहले इसी क्षेत्र के एक अन्य अस्पताल में भी महिला की जान चली गई थी। अब ताजा मामला रमनगरा क्षेत्र का है, जहां एक महिला अनट्रेंड डॉक्टर और अवैध अस्पतालों की बलि चढ़ चुकी है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग अब तक कोई ठोस कदम उठाने को तैयार नहीं दिख रहा।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर ऐसे अस्पताल और डॉक्टरों पर शिकंजा नहीं कसा गया तो हालात और बिगड़ेंगे। लोगों का यह भी आरोप है कि विभागीय अफसर पैसों और पहुंच के आगे आंखें मूंदकर बैठे हैं।
पीड़ित परिवारों का दर्द यह है कि उन्हें न तो न्याय मिल रहा है और न ही कोई ठोस कार्रवाई की उम्मीद दिखाई देती है।
अब सवाल यह है कि आखिर कब तक गरीब और मासूम लोग ऐसे कसाईखानों में दम तोड़ते रहेंगे और विभाग आंख मूंदे बैठा रहेगा? क्या यह मौतों का सिलसिला रुक पाएगा या फिर जिम्मेदार सिर्फ नोटिस की खानापूर्ति करके अपनी कुर्सी बचाते रहेंगे?
संबंधित डॉक्टर का बयान लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी को भेज दिया गया है।
पूरनपुर चिकित्सा प्रभारी मनीष राज
.jpeg)